यह सच है कि आज हम सब एक ऐसे समाज में रह रहे है जो स्वार्थी और केवल अपनी चिंता करने वाली मानसिकता की ओर काफ़ी तेज़ी से बढ़ती जा रही है जहां कोई व्यक्ति अगर किसी चीज़ को सबसे ज्यादा महत्व देता है तो वह सिर्फ़ उसके अपने निजी हितों के सिवा कुछ और नहीं होता हैं। समाज में रह रहे अन्य लोगों के समस्याओं के प्रति लोग धीरे-धीरे हृदयहीन और उदासीन होते जा रहे हैं। क्या इस मानसिकता से बाहर निकलने का कोई उपाय है? हाँ बिल्कुल है , हम पैगंबर जोसेफ के जीवन से प्रेरणा ले सकते हैं।
रेप के मामले में भारत दुनिया में अन्य देशों के मुक़ाबले में तीसरे पायदान पर है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 22 मिनट में एक महिला का रेप होता है। इस हिसाब से भारत में प्रतिदिन लगभग 65 महिलाओं का बलात्कार होता है। क्या इस समस्या का कोई व्यावहारिक समाधान हो सकता है? चलिए पता लगाते है।