पैगंबर मुहम्मद के सामने से एक शवयात्रा गुज़र रहा था जिसे देखते ही आप उठ कर खड़े हो गए। वहाँ मौजूद लोगों ने आपसे कहा कि, “यह तो एक यहूदी की शवयात्रा है।”
इसके जवाब में पैगंबर ने कहा: क्या वह एक मनुष्य नहीं था?
प्रत्येक मनुष्य, मृत या जीवित, चाहे उनका धर्म,नस्ल, त्वचा का रंग और जातीयता कुछ भी हो, हर कोई मनुष्य होने के नाते सम्मान का हक़दार है।