कुरान की एक श्लोक (आयत) में कुछ ऐसी जानकारी है जिसे 1400 साल पहले रहने वाला कोई भी व्यक्ति पता लगा ही नहीं सकता था और इसकी कोई संभावना ही नहीं थी कि, पैगंबर के समय या उससे पहले के मनुष्य को इस आयत में उल्लिखित जानकारी का कोई ज्ञान हो, केवल सर्वशक्तिमान ईश्वर ने ही इस जानकारी को कुरान के माध्यम से पैगंबर को बताया था।
ब्रह्मांड की उम्र हमें बताती है कि एक समय होगा जब ब्रह्मांड की शुरुआत हुई थी। तो जिस ब्रह्मांड के शुरुआत की बात हो रही है, वो या तो खुद बन गया होगा या इसे 'किसी' ने बनाया होगा। चूँकि, कोई वस्तु स्वयं को खुद नहीं बना सकती, इसलिए ‘कुछ’ तो होगा जिससे ब्रह्मांड की रचना हुई होगी। इस ‘कुछ’ को ही हम ईश्वर कहते हैं।
रेप के मामले में भारत दुनिया में अन्य देशों के मुक़ाबले में तीसरे पायदान पर है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 22 मिनट में एक महिला का रेप होता है। इस हिसाब से भारत में प्रतिदिन लगभग 65 महिलाओं का बलात्कार होता है। क्या इस समस्या का कोई व्यावहारिक समाधान हो सकता है? चलिए पता लगाते है।
यदि ब्रह्मांड की रचना को लेकर विभिन्न देवताओं के बीच मतभेद होता तो ब्रह्मांड कभी अस्तित्व में आता ही नहीं। इस ब्रह्मांड के सदृढ़ अस्तित्व जिसमें हम एक पूर्ण व्यवस्था का अवलोकन करते हैं, वह एक निर्विवाद और अकाट्य प्रमाण है जो इस बात की ओर संकेत देता है कि इस श्रृष्टि में केवल एक ही सर्वोच्च ईश्वर है, जो श्रृष्टि के सभी मामलों का प्रबंधन और विनियमन कर रहा है।